भौंकने वाला हिरण

अमरदीप जौली


जब हिरणों के बारे में बात होती है, तो हमारे दिमाग में अकसर खूबसूरत आंखों वाले सुंदर प्राणियों की छवियां उभर आती हैं। हम शायद ही कभी उनके द्वारा निकाली जाने वाली आवाजों पर विचार करते हैं। हालांकि, हिरणों में एक प्रजाति ऐसी भी है जो अपने अलंग तरह के स्वरों के लिए जानी जाती है। वह है मंटजैक हिरण या काकड़ जिसे भौँकने वाला हिरण भी कहा जाता है। मंटजैक हिरण कुते की भॉँकने जैसी अपनी अनोखी तीखी आवाज के लिए पहचाना जाता है, जो एक किलोमीटर दूर तक सुनाई देती है। यह आवाज़ हिरण की आवाज़ के बारे में लोगों में बनी धारणाओं के बिल्कुल विपरीत है। इसी खूबी से उन्हें भौँकने वाला हिरण उपनाम मिला है। शारीरिक रूप से ये सामान्य हिरणों के समान होते हँं, बस इनका ऊपरी भाग गहरे भूरे रंग का होता है जो धीरे-धीरे नीचे की ओर हल्का होता जाता है। गर्दंन के ऊपरी हिस्से, पेट और पूंछ के निचले हिस्से पर सफेद रंग होता है। ये जीव मुख्यतः दक्षण एशिया और दक्षिण-पूर्व एशिया के जंगलों में निवास करते हैं तथा भारत, चीन, श्रीलंका, पूवी हिंमालय और म्यामार में पाए जाते हैं। स्वभाव से शर्मीले ये हिरण समूह की बजाय एकांत या जोड़ी में रहना पसंद करते हैँं। वे हरी घास, पत्तियां, अंकुर, फूल, बीज और विभिन्न फलों से युक्त आहार पसंद करते हैं।नर के पास एक ही शाखा वाले छोटे सींग होते हैँ, जो उनहें बारहसिंगा से अलग करते हैं। ये सींग लगभग 15 सँंटीमीटर तक बढते हैं और हड्डी के उभार से प्रतिवर्ष वापस उग आते हैं।

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