मैं किसान हूँ
हाँ मैं भी किसान हूँ
मैं भी चलाता हूँ
कागज़ की छाती पर कलम का हल
मैं भी बोता हूँ
अपनी सोच के बीज
और उगती है विचारों की फ़सल
और तब मिटती है
मेरे और उसके अतृप्त मन की भूख
ऐ मेरी सरकार!
तय करो ना मेरी भी ऐम एस पी
– अमरदीप जौली
मैं किसान हूँ
हाँ मैं भी किसान हूँ
मैं भी चलाता हूँ
कागज़ की छाती पर कलम का हल
मैं भी बोता हूँ
अपनी सोच के बीज
और उगती है विचारों की फ़सल
और तब मिटती है
मेरे और उसके अतृप्त मन की भूख
ऐ मेरी सरकार!
तय करो ना मेरी भी ऐम एस पी
– अमरदीप जौली
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