पग पग भगवा लहराएगा

क्षीरसागर सी विशालता सा प्रसारित हो जाएगा
सर्वे भवंतु सुखिनः और वसुदेव कुटुंबकम का पाठ पढ़ाएगा
हर हर महादेव के संग जय श्री राम सुनाएगा
जय गणेश के गर्जन एवं शिवनंदन स्तुति कराएगा, पग पग भगवा..

धर्मनिरपेक्षता के स्वांग का पटाक्षेप करवाएगा
आराध्या हमारे इष्टों का अपमान सहा ना जाएगा
बहुत हुआ प्रपंच प्रहार अब सबको सबक सिखाएगा
विषदंती हर सर्प को उसके बिल में कुचला जाएगा
शिशुपाल अब थम जाओ वरना मस्तक काटा जाएगा, जय गणेश..

अधर्म नीति के घोर तिमिर का अंत सवेरा लाएगा
सूर्य रश्मि की लालिमा बन धर्म पताका फहराया
राष्ट्रभक्ति बन जन-जन में अब पौरूष हुंकार भरेगा
निश्चित लक्ष्य के भेदन हेतु गाण्डीव पर बाण चढ़ेगा
सुप्त राष्ट्र की चेतना को फिर तांडव कर जगाएगा
मातृभूमि की रक्षा को अब हिंदू रक्त उबाले खाएगा, जय गणेश…

गोबिन्द शिवाजी राणा जैसे लाखों वीर बनाएगा
देशद्रोही जयचंदो को अब कराल काल दिखाएगा
विस्मृत्य शक्ति स्मरण करें, यह अवसर फिर ना आएगा
महारुद्र है, काली है तू, अब बजरंगी कहलाएगा
ललकार शत्रु को आमंत्रित कर जब लंका दहन रचाएगा, जय गणेश..

पग पग भगवा लहराएगा घर घर में पूजा जाएगा
खोया स्वाभिमान लौट आएगा पग पाग भगवा लहराएगा..

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