हार्ट अटैक, कारण और निदान- महर्षि वागवट

भूमेश योगी

हमारे  देश  भारत  में  3000 साल  पहले  एक  बहुत  बड़े ऋषि  हुये  थे। उनका  नाम  था महर्षि वागवट  जी। उन्होंने   एक   पुस्तक   लिखी थी। जिसका  नाम  है अष्टांग हृदयम। (Astang  Hrudayam)। और  इस  पुस्तक  में  उन्होंने बीमारियों  को  ठीक  करने  के लिए 7000 सूत्र  लिखें   थे। यह  उनमें  से  ही  एक  सूत्र है: वागवट  जी  लिखते  हैं  कि कभी  भी  हृदय  को  घात  हो रहा  है, मतलब  दिल  की  नलियों  मे blockage  होना  शुरू  हो  रहा   है। तो  इसका  मतलब  है  कि रक्त  (blood)  में , acidity (अम्लता )  बढ़ी  हुई  है। अम्लता  आप  समझते  हैं। जिसको  अँग्रेजी  में  कहते  हैं acidity. अम्लता  दो  तरह  की  होती है।एक  होती  है   पेट  की अम्लता। और  एक  होती  है  रक्त (blood)  की  अम्लता। आपके  पेट  में  अम्लता  जब बढ़ती  है तो  आप  कहेंगे:

✔पेट में जलन सी हो रही है।

✔खट्टी खट्टी डकार आ रही हैं ।

✔मुंह से पानी निकल रहा है।

और अगर  ये  अम्लता(acidity) और  बढ़  जाये तो  hyperacidity  होगी। और  यही  पेट  की  अम्लता बढ़ते-बढ़ते  जब  रक्त  में  आती  है  तो  रक्त  अम्लता (blood  acidity)  होती है। और  जब  blood  में  acidity बढ़ती  है  तो  ये  अम्लीय  रक्त(blood)  दिल  की  नलियों में से  निकल  नहीं पाती और  नलियों  में  blockage कर  देता  है। तभी  heart  attack  होता है।  इसके  बिना heart attack  नहीं  होता और  ये  आयुर्वेद  का  सबसे बड़ा सच  है  जिसको  कोई  आपको  बताता  नहीं है। क्योंकि  इसका  इलाज  सबसे सरल  है।

इलाज  क्या  है: वागवट  जी  लिखते  हैं  कि जब रक्त (blood) में अम्लता (acidity)  बढ़  गई है, तो  आप  ऐसी  चीजों  का उपयोग  करो  जो  क्षारीय  हैं। दो  तरह  की चीजें  होती  हैं: अम्लीय और क्षारीय(acidic  and  alkaline)। अम्ल  और  क्षार(acidic  and  alkaline) को मिला  दो  तो  क्या  होता है? Neutral होता  है  सब  जानते  हैं। तो  वागवट  जी  लिखते  हैं कि  रक्त  की  अम्लता  बढ़ी हुई  है  तो  क्षारीय (alkaline) चीजें  खाओ, तो  रक्त  की  अम्लता (acidity)  neutral  हो जाएगी और रक्त  में  अम्लता neutral  हो  गई। तो  heart  attack  की जिंदगी  मे  कभी  संभावना  ही नहीं। अब प्रश्न है ऐसी कौन  सी  चीजें  हैं  जो  क्षारीय हैं  और  हम  खायें? आपके  रसोई  घर  में  ऐसी बहुत  सी  चीजें  है  जो  क्षारीय हैं। जिन्हें  आप  खायें  तो  कभी heart attack  नहीं आयेगा और  अगर  आ  गया  है तो  दोबारा  नहीं  आयेगा। यह हम सब जानते हैं कि सबसे ज्यादा  क्षारीय चीज क्या हैं और सब घर में आसानी से उपलब्ध रहती है, वह  है लौकी। जिसे  दुधी  भी  कहते  हैं। English  में  इसे  कहते  हैं bottle  gourd. जिसे  आप  सब्जी  के  रूप  में खाते  हैं। इससे  ज्यादा  कोई  क्षारीय चीज  ही  नहीं  है। तो  आप  रोज  लौकी  का  रस निकाल-निकाल  कर  पियो या  कच्ची लौकी  खायो।

वागवट  जी  कहते  हैं  रक्त की  अम्लता  कम  करने  की सबसे  ज्यादा  ताकत  लौकी  में ही  है तो  आप  लौकी  के  रस  का सेवन  करें।

कितना   सेवन करें: रोज  200  से  300  मिलीग्राम   पियो।

कब पिये: सुबह  खाली  पेट (toilet जाने के बाद ) पी  सकते  हैं या  नाश्ते  के  आधे  घंटे  के बाद  पी  सकते  हैं।

इस  लौकी  के  रस  को  आप और  ज्यादा  क्षारीय  बना सकते  हैं। इसमें 7 से 10 पत्ते तुलसी के डाल लो। तुलसी  बहुत  क्षारीय  है। इसके  साथ  आप  पुदीने  के  7  से 10  पत्ते  मिला  सकते  हैं। पुदीना  भी बहुत  क्षारीय  है। इसके  साथ  आप  काला नमक  या  सेंधा  नमक  जरूर डाले। ये भी बहुत क्षारीय है।

लेकिन याद  रखें: नमक काला या सेंधा ही डाले। वो  दूसरा  आयोडीन  युक्त नमक  कभी न डाले। ये  आओडीन  युक्त  नमक अम्लीय  है।

तो  आप  इस  लौकी  के जूस  का  सेवन  जरूर  करें। 2  से  3  महीने  की  अवधि में आपकी  सारी  heart  की blockage  को  ठीक  कर देगा। 21  वें  दिन  ही  आपको  बहुत ज्यादा  असर  दिखना  शुरू  हो जाएगा। कोई  आपरेशन  की  आपको जरूरत  नहीं  पड़ेगी। घर  में  ही  हमारे  भारत  के आयुर्वेद  से  इसका  इलाज  हो जाएगा।

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