गाय के गोबर में (No Process Loss) विज्ञान कहता है कि जब भी किसी वस्तु को प्रक्रिया (कोई प्रोसेस) से गुजारा जाता है तो उसमें हानि होती है लेकिन गौ विज्ञान इसके विपरीत है। वायुमण्डल में प्राणवायु ऑक्सीजन की अधिकतम मात्रा 21% है, लेकिन यह मात्रा भारत के किसी गाँव में 18 या 19% से ज्यादा नहीं है और शहरों में तो 11 या 12 % तक ही है।
भारतीय गाय के ताज़ा गोबर में प्राणवायु ऑक्सीजन की मात्रा 23% है। जब इस गोबर को सुखा कर कण्डा या उपला बनाया जाता है, तो इसमें ऑक्सीजन की मात्रा बढ़कर 27% हो जाती है। जब इस कण्डे या उपले को जलाकर कोयला बनाते हैं तो इसमें ऑक्सीजन की मात्रा बढ़कर 30% हो जाती है। इसी कोयले को फिर से जलाकर भस्म बना देने पर प्राणवायु 46.6% हो जाती है। जब भस्म को दोबारा जलाकर विशुद्ध भस्म बनाते हैं तो इसमें 60% तक प्राणवायु आ जाता है। जब कि आधुनिक विज्ञान कहता है कि किसी भी वस्तु को प्रोसेस करने से उसमें हानि होती है। 10 लीटर जल में अगर 25 ग्राम भस्म मिला दे तो जल शुद्ध होने के साथ उसमें सभी आवश्यक पोषक तत्वों की पूर्ति हो जाती है।
अग्निहोत्र भस्म(हवन यज्ञ की भस्म): अग्निहोत्र गौ भस्म को ध्यान से पढ़ेगें तो पायेंगे कि यह गौ-भस्म (राख) आपके लिए कितनी उपयोगी है। साधू-संत लोग संभवतः इन्ही गुणों के कारण इसे प्रसाद रूप में भी देते थे। जब गोबर से बनायीं गयी भस्म इतनी उपयोगी है तो गाय कितनी उपयोगी होगी यह आप विचार कर सकते हैं। पीने के पानी में भस्म का उपयोग: एक लीटर पानी में 10-15 ग्राम यानि 3-4 चम्मच भस्म मिलाना है, उसके बाद भस्म जब पानी के तले में बैठ जाये फिर इसे पी लेना है। इससे सारे पानी की अशुद्धि दूर हो जाएगी और आपको मिलेगा इतने पोषक तत्व। यह लैबोटरी द्वारा प्रमाणित है।*
तत्वरूप (ELEMENT_FORM):
१. ऑक्सीजन O = 46.6 %
२. सिलिकॉन SI = 30.12 %
३. कैल्शियम Ca = 7.71 %
४. मैग्नीशियम Mg = 2.63 %
५. पोटैशियम K = 2.61 %
६. क्लोरीन CL = 2.43 %
७. एल्युमीनियम Al = 2.11 %
८. फ़ास्फ़रोस P = 1.71 %
९. लोहा Fe = 1.46 %
१०. सल्फर S =1.46 %
११. सोडियम Na = 1 %
१२. टाइटेनियम Ti = 0.19 %
१३. मैग्नीज Mn =0.13 %
१४. बेरियम Ba = 0.06 %
१५. जस्ता Zn = 0.03 %
१६. स्ट्रोंटियम Sr = 0.02 %
१७. लेड Pb = 0.02 %
१८. तांबा Cu = 80 PPM
१९. वेनेडियम V=72 PPM
२०. ब्रोमिन Br = 50 PPM
२१. ज़िरकोनियम Zr 38 PPM
आक्साइडरूप:-
१. सिलिकाँन डाइऑक्साइड – SIO2 = 64.44%
२. कैल्शियम ऑक्साइड CaO =10.79 %
३. मैग्नीशियम ऑक्साइड MgO = 4-37 %
४. एल्युमीनियम ऑक्साइड AI2O3 = 3.99%
५. फास्फोरस पेंटाक्साइड P2O5 = 3.93%
६. पोटेशियम ऑक्साइड K2O = 3.14 %
७. सल्फर ऑक्साइड SO3 = 2.79%
८. क्लोरीन CL=2.43 %
९. आयरन ऑक्साइड Fe2O3=2.09%
१०. सोडियम ऑक्साइड Na2O = 1.35 %
११. टाइटेनियम ऑक्साइड TiO2 = 0.32%
१२. मैंगनीज ऑक्साइड MnO = 0.17 %
१३. बेरियम ऑक्साइड BaO = 0.07 %
१४. जिंक ऑक्साइड ZnO = 0.03%
१५. स्ट्रोंटियम ऑक्साइड SrO = 0.03%
१६. लेड ऑक्साइड PbO = 0.02%
१७. वेनेडियम ऑक्साइड V2O5 = 0.01 %
१८. कॉपर ऑक्साइड CuO = 0.01%
१९. जिरकोनियम ऑक्साइड ZrO2 =52 PPM
२०. ब्रोमिन Br = 50 PPM
२१. रुबिडियम ऑक्साइड Rb2O = 32 PPM
शरीर में आक्सीजन की मात्रा को बढ़ाने के लिए यह गोबर की भस्म कितनी उपयोगी है। आज भी ग्रामीण परिवेश में चूल्हे में, आंगन में ताजे गोबर से लिपाई करने के बाद घर में ताजगी की अनुभूति होती है। उसका कारण देसी गाय के गोबर में पाये जाने वाला प्राणिक व औषिद्धिक गुण ही है।