दुनिया के देशों की तरह भारत में राष्ट्रीय सुरक्षा नीति क्यो आवश्यक है ?

Deepak Kumar Dwivedi

राष्ट्रीय सुरक्षा नीति क्यो जरूरी भारत की राजनैतिक भौगोलिक संस्कृतिक और एतिहासिक स्थिति को देखते हुए हम सबको आंतरिक सुरक्षा के विषयों पर बड़ी रणनीति के तहत आगे बढ़ने की आवश्यकता है। क्योंकि बिना शांति सौहार्द बनाए के आर्थिक विकास संभव नहीं है लम्बे समय तक देश को अखंडित रख पाना बड़ी चुनौती सिद्ध होने जा रहा है क्योंकि भारतीय समाज में कुछ वर्ग समूह भारत जन मानस और संस्कृति और सभ्यता से घृणा की भावना रखते हैं वो लोग कभी नहीं चाहते भारत कभी स्थिर रहे इसलिए अस्थिर रखने का प्रयास करते रहते हैं । इसलिए ऐसे भारत विरोधी तत्वों कुचल देना बहुत ज्यादा जरूरी है क्योंकि सर्प को कितना भी दूध पिलाएं वो अपना व्यवहार नहीं बदल सकता है भारत में सर्पो के संख्या करोड़ में है ये शक्तियां विदेशी इशारे पर काम करती आ रही इन शक्तियों को अमेरिका चीन अरब देश इन शक्तियों का भारत के खिलाफ इस्तेमाल करते हैं क्योंकि ये सब जानते हैं कि जिस तेजी भारत विकास कर रहा है इस तेजी को कम नहीं किया है इतना बड़ा बाजार हमारे हाथों छिन जाएगी साथ इनकी दिक्कत हिंदू समाज जाग्रति से भी हो रही ऐसा चलता रहा तो भारत अगले 40 साल में दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होगा चीन अमेरिका को भारत पीछे छोड़ देगा इसलिए भारत को रोकने के लिए भारत को अंदर से से खोखला करने की रणनीति के तहत काम किया जा रहा है। उसके लिए इनके ऐजेट समाज के अंदर रहकर भारतीय समाज में अनरेस्ट , विभाजन का अराजकता माहौल बनाए रखने का प्रयास करते रहते हैं उसके लिए हर तरीके के रास्ते अपनाए जा रहे जैसे समाजवादी आर्थिक माडल को फिर अपनाने के लिए राजनैतिक दलों पर दबाव बनाते हैं भारत में समाजवाद वोट प्राप्त करने का हथियार रहा है इसलिए समाजवादी नारे राजनैतिक दल देते हैं चुनावो में मुफ्त देने की घोषणाएं करते हैं सत्ता आने के बाद उन्हीं मुफ्त योजनाओं लागू करते हैं जिससे सरकार आर्थिक बोझ बढ़ता है कुछ सालों में वह देश दिवालिया हो जाता है जबसे समाजवादी आर्थिक माडल अस्तित्व में आया है तब से दुनिया भर के 80 देश दिवालिया हो गए इस माडल का सुझाव राजनैतिक दलों को झोलाछाप वामपंथी अर्थशास्त्री देते हैं जब देश दिवालिया हो जाते हैं तो समाजवादी अर्थशास्त्री गायब हो जाते हैं इन्हीं समाजवादी आर्थिक नीतियों कारण भारत को 1990 में सोना गिरवी रखना पड़ा था जिस समाजवादी कल्चर भारत 1991 के आर्थिक सुधारों के बाद बाहर निकला है भारत को समाजवादी कल्चर को सोनिया गांधी की सरकार ने बढ़ावा दिया उसके बाद सरकार जाने लगी अपने लोगों माध्यम से आम आदमी पार्टी को खड़ा किया गया उसे विदेश बैठी भारत विरोधी और अमेरिकन ब्रिटेन और चीन कम्युनिस्ट लॉबी के माध्यम से आम आदमी पार्टी की बहुत फंडिंग की गई जिससे यूपीए सरकार के भ्रष्टाचार के कारण जनता में कांग्रेस खिलाफ जो माहौल बना है उस माहौल का फायदा आम आदमी पार्टी उठा ले जिसका फायदा कांग्रेस को मिल जाए कांग्रेस यह प्लान 2014 में असफल हो गया है भाजपा 2014 में प्रचंड बहुमत के साथ सरकार बनाने सफल हो गई फिर से यह लाबी सक्रिय हुई दिल्ली आम आदमी पार्टी की सरकार बना दी मुफ्तखोरी के कल्चर को विमर्श का मुद्दा बनाया गया 2019 में कांग्रेस पार्टी झोलाछाप अर्थशास्त्रियों ने सलाह दिया हर महीने मजदूरों खाते 6 हजार डाले जाएं साल में 72 हजार रुपए दिए जाए उसे कांग्रेस ने न्याय योजना का नाम दिया 2019 में जनता ने कांग्रेस को बुरी तरह से नकार दिया फिर भी कम्युनिस्ट विचारधारा मानने वाले और उनके विदेशी आका कैसे हार मानने वाले थे बिजली पानी शिक्षा स्वास्थ्य का दिल्ली में झूठा माडल को तैयार किया गया आम आदमी पार्टी की 2020 में दोबारा सरकार बन गई उसके बाद एक आराजक किसान आंदोलन पंजाब से उठा उसे कनाडा ब्रिटेन ऑस्ट्रेलिया में बैठे खालिस्तानी तत्वों का समर्थन मिला है भारत विरोधी की लाबी के दबाव में कांग्रेस ने मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह को मुख्यमंत्री पद से हटाकर कांग्रेस ने पंजाब में खुदकुशी कर ली और पंजाब को आम आदमी के हवाले कर दिया आम आदमी के विस्तार के पीछे गांधी परिवार विदेशी शक्तियां का हाथ है जो हिंदू एकता और भारत के आर्थिक विकास से घबराई हुई है बढ़ती हुई हिंदू चेतना को रोकने के लिए भारत के गति को रोकने के लिए को आम आदमी पार्टी को खड़ा किया गया है ।

भारत में वामपंथी सफल इसलिए होते हैं क्योंकि भारत मे आर्थिक समाजिक असमानता बहुत ज्यादा है उसके आलावा यह शक्तियां अपने ऐजेटो के माध्यम से भारत को ग्रह युद्ध में झोंकने का प्रयास करने का करते हैं । उस कार्य में ये ईमान लाने समुदाय उनका साथ वर्षों देता आया है क्योंकि ये समुदाय हिन्दूओं घृणा करता है ब्रिटेन ने पाकिस्तान इसलिए बनाया था जिससे ये समुदाय के मन में हमेशा एक बात रहे भारत को दारूल इस्लाम बनाया जा सकता है क्योंकि लोकतांत्रिक व्यवस्था में बहुत सारी कमी होती है लोकतांत्रिक व्यवस्था में अधिकार देने पड़ते हैं लोकतांत्रिक व्यवस्था अल्पसंख्यक वाद एक अभिशाप तरह से होते हैं उसी का लाभ इस्लामिक कट्टरवादी उठाते भारत में इसी समुदाय आबादी 30 करोड़ है। इसलिए भारत विरोधी शक्तियों के लिए बहुत उर्वरक फ़सल की तरह है ।

वोटबैंक के लिए कुछ दल इनका में समर्थन भी करते उसका सबसे बड़ा उदाहरण कांग्रेस तुष्टिकरण की नीति उस नीति कारण इन अराजक तत्वों पर करवाही नहीं की गई है जिससे ये दल सेक्युलर राजनीति कहते हैं इसी तुष्टिकरण की राजनीति को बढ़ाने के लिए कांग्रेस ने आपतकाल के दौरान 42 वे संविधान संशोधन करके संविधान की प्रस्तावना में समाजवादी धर्मनिरपेक्ष शब्द डाला था उसके आलावा 1973 में पूरी शिक्षा व्यवस्था वामपंथियों को हाथो इन्दिरा गांधी ने सौंप दिया था वोटबैंक के लिए मुंबई हमले के आरोपियों भारत जाने दिया गया अटल जी की सरकार ने आतंकवाद विरोधी पोटा कानून लाई भी 2004 में कांग्रेस सरकार ने वोटबैंक के लिए पोटा कानून को रद्द कर दिया था । जो वामपंथी जहां पर खुद सत्ता में वहां पर इस्लामिक कट्टरपंथियों को रहने भी नहीं देते हैं जहां पर मुस्लिम सत्ता में वहां पर वामपंथी नहीं रह सकते दोनों धुर विरोधी विचारधारा इस्लाम और वामपंथ भारत में दोनों एकजुट है क्योंकि दोनों लक्ष्य भारत और सनातन धर्म को खत्म करने का है उसी तरह ईसाई मिशनरिया भारत को अन्दर डिस्टर्ब करने कोशिश करती रहती है पूर्वोत्तर 7 राज्यों में 5 राज्यों में हिंदू अल्पसंख्यक हो गए वहां पर कुछ वर्ष पहले उग्रवादी आंदोलन चरम पर था जिससे ईसाई मिशनरिया समर्थन करती साथ वनवासी क्षेत्रों में और दक्षिण भारत में बहुत ज्यादा सक्रिय हैं उन्हें अमेरिका समेत पूरे पश्चिमी जगत का समर्थन है क्योंकि ईसाईयों का उद्देश्य सनातन धर्म भारत को खत्म करने का है क्योंकि पंच मक्कारो मत और पंथो का मानना है जब तक भारत इनका राज नहीं होगा भारत पूर्ण पंच मक्कारो के अधीन नहीं होगा जब तक हिन्दू समाप्त नहीं हो जाएंगे तब तक जजमेंट डे नहीं आएगा क्योंकि भारत सात्विक ऊर्जा का केंद्र है भारत पर इनका अधिपत्य हो गया तो इनके विस्तार दिक्कत नहीं आएगी जैसे भारत कब्जा हो गया तो ईसाईयों अनुसार उसी दिन जजमेंट डे होगा मुस्लिमो के अनुसार कयामत आएगी इनका ईश्वर इनके पाप पूण्य के अनुसार फैसला करेगा स्वर्ग और नरक में भेजा जाएगा क्योंकि आब्रहिमिक मजहब एक जीवन एक सिद्धांत को मानते हैं जो मया दानव ने दिया था इस सिद्धांत देने के लिए पांडवों ने मया दानव को दंडित किया था हम लोग असुरों से आसुरी प्रवृत्ति छोड़ने की उम्मीद नहीं कर सकते हैं ।

महाशक्ति बनने में दिक्कत नहीं होगी भारत तेजी विकास करेगा क्योंकि देश में जब शांति सौहार्द का माहौल रहता है तो वो देश बहुत तेजी से आगे बढ़ता है जिस देश में अराजकता का माहौल और राजनैतिक अस्थिरता रहती है वो देश टुकड़ो में बिखर जाता है हम लोग ने 1947 में भारत के विभाजन के रूप त्रासदी देख चुके इस्लामिक कट्टरपंथी विचारधारा के कारण भारत विभाजन हुआ था उसमें लाखों लोग मारे गए और करोड़ों लोगों अपने देश में पलायन करना पड़ा उसी विचारधारा को मानने वाला पाकिस्तान भारत पर चार बार हमला किया मजहब आधार पाकिस्तान बनाने वाला समुदाय भारत विभाजन के बाद पाकिस्तान नहीं गया है भारत में रहकर भारत अंदर से खोखला करने का प्रयास कर रहा है उनका साथ विस्तारवादी कम्युनिस्ट विचारधारा भी दे रही अपने विचारधारा के विस्तार के लिए भारत को अंदर से खोखला करने का प्रयास करती रहती है चाहे नक्सलवाद सहस्त्र आन्दोलन कारण भारत के लाखों निर्दोष नागरिक मारे गए जितने सैनिक इस्लामी कट्टरपंथी जेहादी हमले नहीं मारे उससे अधिक माओवादी हमले मारे गए उसके आलावा 1962 का चीन युद्ध कौन भूल सकता है जिससे भारत के वामपंथियों ने समर्थन किया था उसके आलावा भारत के सामने आंतरिक सुरक्षा के लेकर कई चुनौतियां हैं इन चुनौतियों से निपटने के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा नीति बनाई जानी चाहिए ।

जय श्री कृष्ण

दीपक कुमार द्विवेदी

Leave a comment
  • Facebook
  • Twitter
  • LinkedIn
  • Email
  • Copy Link
  • More Networks
Copy link
Powered by Social Snap