पदयनी नृत्य युद्ध में विजय प्राप्ति का नृत्य है, जिसे केरल प्रांत में माँ भद्रकाली की उपासना के लिए किया जाता है.इस नृत्य के दौरान सभी नर्तक अपने मुँह पर मुखौटे पहनते हैं, जिन पर रंगोली की भांति आकृतियाँ बनी होती हैं. इन मुखौटों को कोलम कहा जाता है. इस नृत्य के समय जो गीत गाया जाता है उसे थप्पू कहते हैं. शास्त्रों में जिन ६४ कलाओं का उल्लेख है, उन सभी कलाओं का प्रयोग पदयनी अनुष्ठान में किया जाता है.गायन एवं नृत्य इस अनुष्ठान के ही भाग हैं. इस अनुष्ठान के अंत में जो पदयनी नृत्य प्रस्तुत किया जाता है उसमें माँ भद्रकाली शांत अवस्था में नृत्य प्रस्तुत करते हुए सबको आशीर्वाद देती हैं।
पदयनी – विजय नृत्य
Leave a comment