पीओजेके – पाकिस्तानी रेंजर्स का आम नागरिकों पर कहर; पाकिस्तान के खिलाफ विद्रोह तेज

अमरदीप जौली

पाकिस्तान के अवैध कब्जे वाले जम्मू कश्मीर में महंगाई, भुखमरी, पाकिस्तानी सेना के अत्याचार और क्रूरता के खिलाफ आम लोगों का विद्रोह तेज हो गया है. पिछले 4 दिनों से हिंसा का दौर जारी है. पाकिस्तानी प्रशासन के अत्याचार के खिलाफ लाखों लोग सड़कों पर उतर आए हैं.मीरपुर, मुजफ्फराबाद, दादयाल, भिम्बर जैसे क्षेत्र हिंसा की आग में धधक रहे हैं. पाकिस्तान ने विरोध को दबाने के लिए हिंसक दमन शुरू कर दिया है और पाकिस्तानी सेना निहत्थे लोगों पर गोलियां चला रही है. ना सिर्फ लोगों, बल्कि मासूम स्कूली छात्रों को भी निशाना बना रही है. सोमवार को पाकिस्तानी रेंजर्स की गोलीबारी में 4 आम नागरिकों की मौत हो गई, इनमें 13 साल का मासूम बच्चा भी शामिल है.पाकिस्तानी सेना के क्रूर अमानवीय रवैये के बावजूद भी पीओजेके के लोगों का विरोध प्रदर्शन कम नहीं हो रहा. बढ़ती हिंसा को देखते हुए सोमवार को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने सब्सिडी पैकेज का लालच देकर लोगों को मनाने प्रयास किया, लेकिन लोगों ने इस्लामाबाद के झांसे में आने से साफ इनकार कर दिया. उन्होंने पाकिस्तान को उसकी औकात दिखाते हुए बता दिया कि अब पाकिस्तान के झूठे झांसे में नहीं पड़ने वाले. सात दशकों तक जिस तरह से पाकिस्तान ने पीओजेके के लोगों को उनके अधिकारों से वंचित रखा, अब उन अधिकारों की मांग को लेकर लोग एकजुट होकर मोर्चा खोल चुके हैं.भातीय जम्मू कश्मीर का यह क्षेत्र 1947 के बाद से ही पाकिस्तान के अवैध कब्जे में है. पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में लोगों का गुस्सा अचानक नहीं फूट पड़ा, इसकी आग काफी समय से सुलग रही थी, जो अब भड़क उठी है. पाकिस्तान ना सिर्फ इन लोगों के अधिकारों का हनन करता आया है. बल्कि प्राकृतिक खनिजों से परिपूर्ण पीओजेके की धरती का अपने मकसद के लिए उपयोग भी करता आया है. भारत में जितने भी आतंकी हमले होते हैं, उन आतंकी हमलों में शामिल आतंकवादियों को पीओजेके में ही ट्रेनिंग दी जाती है. पाकिस्तानी आर्मी, ISI इन आतंकियों को प्रशिक्षण प्रदान कर जम्मू कश्मीर व भारत में आतंकवाद की घटनाओं को अंजाम देने के लिए भेजते हैं. मुजफ्फराबाद के अलावा रावलकोट में भी इन आतंकियों को प्रशिक्षण मिलता है.कहने को यहाँ अपना सुप्रीम कोर्ट है, अपना राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री है. लेकिन सब कुछ पाकिस्तानी सेना के हाथों में है. यहाँ के लोगों को ना ही खाने को दो वक्त की रोटी नसीब हो रही है, ना ही बच्चों को शिक्षा, ना ही यहाँ कोई बेहतर अस्पताल है. यानि 7 दशकों में पाकिस्तान ने इसका उपयोग सिर्फ अपने मकसद के लिए किया है.अब पाकिस्तान के इस रवैये से तंग आकर पाकिस्तान के खिलाफ ऐलान-ए-जंग का माहौल बना दिया है. अनुच्छेद 370 की समाप्ति के बाद जिस तरह से जम्मू कश्मीर में विकास हो रहा है, उसे देखते हुए POJK के लोग भी भारत के साथ मिलना चाहते हैं.पीओजेके की वापसी को लेकर कई मौकों पर भारत के गृहमंत्री अमित शाह, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, विदेशमंत्री एस जयशंकर और सेना प्रमुख ने स्पष्ट बयान दिया है कि पीओजेके भारत का हिस्सा है और वो भारत में आएगा.

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