बैसाखी के दिन
मिली सिख पंथ को
नयी पहचान
बोले सो निहाल का
जयकारा महान।
केश कड़ा कंघा
कच्छा कृपाण
सितारे सा चमकता
मेरे साहिब का निशान
तेग देग फतह
यही मंत्र जान
सिख पंथ पर चढ़ा
एक नया परवान।
गुरु की शिक्षा
गुरु का पथ
मोक्ष मार्ग का अमृत रथ
लो प्रण नहीं व्यर्थ हो
गुरु गोविंद सिंह का बलिदान।
बैसाखी का दिन महान
बैसाखी का दिन महान।
–प्रकाश केवड़े, नागपुर (महाराष्ट्र)