अविमुक्त काशी में मृत्यु भी एक उत्सव है, इसी का प्रतीक है वाराणसी में खेली जाने वाली मसान होली। इसे फाल्गुन मास की शुक्ल पक्ष द्वादशी तिथि पर खेला जाता है।
काशी के मणिकर्णिका घाट पर मुख्य रूप से खेली जाने वाली इस मसान होली में चिता के भस्म एवं गुलाल से होली खेली जाती है।
स्थानीय श्रुतियों एवं श्रद्धालुओं के विश्वास के अनुसार इस मसान होली में महादेव स्वयं आते हैं, जिसमें भूत-प्रेत, यक्ष, गंधर्व भी आते हैं।
यह मसान होली मुख्य रूप से अघोरी एवं शैव संन्यासियों द्वारा खेली जाती है, जिसमें कुछ संख्या में आम लोग भी सम्मिलित होते हैं।