नई दिल्ली. दिल्ली की रोहिणी कोर्ट ने बिनय कुमार सिंह की ओर से दायर आपराधिक मानहानि की शिकायत पर बीबीसी, विकिमीडिया और इंटरनेट आर्काइव को नोटिस जारी किया है. शिकायतकर्ता ने गुजरात दंगों पर वृत्तचित्र दिखाने, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और विश्व हिन्दू परिषद को बदनाम करने वाली किसी भी सामग्री को प्रकाशित करने से रोकने की मांग की है. शिकायतकर्ता ने कहा कि बीबीसी के वृत्तचित्र ने इन संगठनों को बदनाम किया है. प्रतिबंध के बावजूद विकिपीडिया पेज पर सीरीज से जुड़े लिंक उपलब्ध हैं.
अतिरिक्त जिला न्यायाधीश रुचिका सिंगला ने विकिमीडिया फाउंडेशन (जो विकिपीडिया को फंड करती है) और यूएस स्थित डिजिटल लाइब्रेरी को भी समन जारी किया है.
याचिका में कहा गया है कि बीबीसी की डाक्यूमेंट्री ने आरएसएस, विहिप और भाजपा जैसे संगठनों को बदनाम किया है. आरएसएस और वीएचपी के खिलाफ लगाए आरोप संगठनों और उसके लाखों सदस्यों/स्वयंसेवकों को बदनाम करने के इरादे से प्रेरित हैं.
डाक्यूमेंट्री ने विभिन्न समूहों के सदस्यों के बीच आतंक और भय का माहौल पैदा किया है और हिंसा भड़काने व सार्वजनिक व्यवस्था को खतरे में डाला है. बीबीसी ने दावों की प्रामाणिकता को सत्यापित किए बिना उद्देश्यपूर्ण रूप से निराधार अफवाह फैलाई. इसके अलावा, इसमें लगाए गए आरोप कई धर्म समुदायों, विशेष रूप से हिन्दुओं और मुसलमानों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देते हैं.
न्यायालय को बताया गया कि भारत सरकार द्वारा डाक्यूमेंट्री पर प्रतिबंध लगा दिया गया है, लेकिन कई जगह अभी भी इसके लिंक उपलब्ध हैं. इससे निष्कर्ष निकलता है कि बीबीसी, विकिमीडिया फाउंडेशन व डिजिटल लाइब्रेरी देश की छवि को खराब करने के साथ-साथ आरएसएस और वीएचपी जैसे प्रतिष्ठित संगठनों की छवि को खराब करने के लिए मिलकर काम कर रहे हैं.
इसलिए, बीबीसी, विकिमीडिया और इंटरनेट आर्काइव के खिलाफ मुकदमा दायर किया है, ताकि उन्हें आरएसएस और वीएचपी के खिलाफ डाक्यूमेंट्री या किसी अन्य सामग्री को प्रकाशित करने से रोका जा सके.
बीबीसी, विकिपीडिया, इंटरनेट आर्काइव के खिलाफ मानहानि केस दायर
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