कैसे भूलूँ सुखदेव, राजगुरु और वीर भगत,
देश की ख़ातिर हँसते-हँसते छोड़ गए जो ये जगत।
इन वीरों ने कभी न माना
दुष्ट अंग्रेज़ो के राज को,
कभी न झुकने दिया बेटों ने
भारत माँ के ताज को… (2)
इस आयु में दुनिया ने
जवानी के सपने संजोए… (2)
इन वीरो ने निर्मोही बनकर
देशभक्ति के बीज बोये,
कभी न फलने फूलने दिया
दुष्ट अंग्रेज़ो जे धंधे को… (2)
सबको देशभक्ति का पाठ पढ़ाया
खुद हँसकर चूमा था फंदे को।
ये शहीद मेरे हृदय में हैऔर आत्मा में,
मैं माँगू ऐसी ही वीरता हर प्रार्थना में।
@saurav